हरिद्वार। जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता मंे बुधवार को विकास भवन सभागार रोशनाबाद में जल भराव व बाढ़ सुरक्षा योजना के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई।
जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल को बैठक में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने जनपद हरिद्वार में बाढ़ एवं जल भराव के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद हरिद्वार की वर्षा जल निकासी प्रणाली गंगा एवं यमुना नदी के बेसिन में स्थित है, जिसको मुख्य रूप से चार- मुख्य गंगा बेसिन, बाण गंगा बेसिन, सोलानी बेसिन तथा शिला खाला एवं काली नदी से होते हुये यमुना नदी के, सब बेसिन में विभाजित किया जा सकता है।
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से जनपद के बाढ़ व जल भराव वाले क्षेत्रों, जल भराव के प्रमुख कारक, नालों का चिह्नीकरण व उनकी चौड़ाई, नदियों तथा नालों में सिल्ट की स्थिति, अगर कहीं सिल्ट जमा है तो उसे निकालने की प्रक्रिया तथा उसका उपयोग कहां किया जायेगा, नदी तथा नालों में अतिक्रमण की स्थिति, बाढ़ सुरक्षा में रेलवे तथा लोक निर्माण विभाग की भूमिका, जहां पर बन्धे का निर्माण किया जाना है, उसके लिये भूमि की उपलब्धता, जल भराव व बाढ़ सुरक्षा में आने वाला अनुमानित व्यय आदि विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी पहलुओं का ध्यान रखते हुये इस सम्बन्ध में तीन दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई सुश्री मंजू, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड रूड़की श्री पी0एल0 नौटियाल सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।