ऋषिकेश। विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, गंगा एक्शन परिवार और अन्य संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में गंगा सस्टेनेबिलिटी रन 3.0 का आयोजन किया गया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, श्रीमती कुसुम कंडवाल जी और विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन के संस्थापक श्री राजेश सर्वज्ञ जी ने प्लेगआॅफ कर गंगा सस्टेनेबिलिटी रन 3Û0 की शुरूआत की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माँ गंगा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गंगा, भारत की पहचान है। उन्होंने गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस आयोजन में देश और विदेश से धावक सम्मिलित हुए, जिनमें 72 वर्ष के वृद्ध धावक भी शामिल थे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने गंगा सस्टेनेबिलिटी रन 3.0 की सभी सहयोगी संस्थाओं को सम्मानित किया और युवाओं को स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत, राष्ट्रप्रेम व देशभक्ति हेतु प्रेरित किया।
इस मैराथन में विभिन्न धावक श्रेणियाँ थीं, जिनमें 10 किमी, 21.1 किमी (हाफ मैराथन), 35 किमी, और 50 किमी शामिल थीं। इस मैराथन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य गंगा नदी के पर्यावरणीय संतुलन और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इस दौड़ में विभिन्न आयु और पृष्ठभूमि के धावकों ने भाग लिया, जिनमें युवाओं के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थे।
विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, गंगा एक्शन परिवार एवं अन्य संस्थाओं ने मिलकर इस अद्भुत पहल की शुरूआत की। विगत दो वर्षों से प्रयास कर इस वर्ष उत्कृष्ट आयोजन किया। इस आयोजन ने गंगा की पवित्रता और स्वच्छता को बनाये रखने के महत्व को उजागर किया और समाज में सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा दी।
गंगा सस्टेनेबिलिटी रन 3.0 ने न केवल धावकों को शारीरिक फिटनेस का अनुभव कराया, बल्कि गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति भी जागरूकता किया।
ज्ञात हो कि दुनिया में 30 डेस्टिनेशन मैराथन हैं, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हंै, परन्तु हमारे भारत का एक भी शहर अभी उस मैराथन में नहीं आता ह,ै इसलिये विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउण्डेशन और गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के संयुक्त प्रयासों से ‘गंगा सस्टैनेबिलिटी रन’ अन्तर्राष्ट्रीय मैराथन का आयोजन किया। भारत भी अब इस ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
आज की परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सभी धावक सम्मिलित हुये। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी धावकों को पुरस्कार वितरित किये। इस अवसर पर आचार्य दीपक शर्मा, विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन के पदाधिकारियों व परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों उत्कृष्ट योगदान रहा।