चमोली।चमोली जिले में मध्य हिमालय की 11 हजार सात सौ फीट की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिये विधि विधान के साथ ब्रह्म मुहुर्त मे बंद कर दिये गये हैं। अब शीतकाल में चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ जी की पूजा अर्चना और दर्शन शीतकालीन गद्दी स्थल गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर में श्रद्धालु कर सकेंगे। बुधवार को उत्सव डोली रूद्रनाथ से चलकर मोली खर्क में रात्रि विश्राम करेगी।

बुधवार को रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये है। परंपरा के अनुसार मंदिर के मुख्य पुजारी जर्नादन प्रसाद भट्ट ने भगवान रुद्रनाथ को स्नान कराया गया। जिसके बाद यहां महाअभिषेक, रुद्राभिषेक पूजाएं संपन्न कराई गई। जिसके बाद मुख्य पुजारी की ओर से भगवान रुद्रनाथ के विग्रह का हिमालयी पुष्पों, जडी बूटियों व वनस्पतियों सें मंत्रोच्चार के साथ ढका गया। जिसके बाद कपाट शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये। कपाट बंद होने के बाद भगवान रुद्रनाथ जी की उत्सव डोली बुधवार को रात्रि विश्राम मोली खर्क में करेंगी।

19 अक्टूबर को मोली खर्क से सगर गांव में दिन का भोग लगने के बाद रात्रि विश्राम के लिए गंगोलगांव पहुंचेंगी। 20 अक्टूबर को गंगोलगांव से भगवान रुद्रनाथ की उत्सव शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर में पहुंचेगी। जहां शीतकाल में तीर्थयात्री भगवान रुद्रनाथ के दर्शन और पूजा अर्चना की जाएगी।