राजकीय अतिथि के रूप में पधारे 18 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की उपस्थिति में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार राष्ट्रीय सम्मेलन एक नए इतिहास का सृजन करते हुए सम्पन्न हुआ। भारत सरकार के विदेश एवं कपड़ा राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम के दूसरे सत्र की शुरुआत की तथा अपने उद्बोधन में कहा की आज मैं इस कुंभ नगरी हरिद्वार में स्वतंत्रता सेनानी परिवारों का महाकुंभ देखकर अभिभूत हूं। आज जिन 18 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का मैंने आशीर्वाद लिया, वह मेरे लिए सौभाग्यशाली क्षण है, इन्हीं पराक्रमी महापुरुषों के कारण आज हम आजाद भारत में खुली सांस ले रहे हैं। इनका जितना अधिक नमन बंधन किया जाए, स्वागत, सत्कार किया जाए, उतना ही कम है। आज इस मंच से जो विषय स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी द्वारा यहां रखे गए हैं, उन्हें मैं अपने स्तर पर केंद्र सरकार तक अवश्य पहुंचाऊंगा और प्रयास करूंगा कि शीघ्रातिशीघ्र इन पर अमल किया जाए। स्थानीय विधायक आदेश चौहान ने स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति द्वारा देशभर में सेनानी परिवारों को संगठित करने के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि हम हर क्षण आप लोगों के साथ हैं। इसी सत्र में राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक बनाने, एमिनेंट कमेटी ने सेनानी परिवारों के संगठनों को मनोनीत करने, राज्यसभा, केन्द्र सरकार की विभिन्न समितियों, विधान परिषदों तथा नगर निकायों में स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के उत्तराधिकारियों को मनोनीत करने, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार कल्याण परिषद का गठन करने, दिल्ली में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी सेवा सदन का निर्माण कराने, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जीवन परिचय जिलेवार प्रकाशित करके प्राथमिक विद्यालयों में पाठ्यक्रम में शामिल करने तथा स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को विशेष पहचान देकर केन्द्र सरकार द्वारा परिचय पत्र देने का प्रस्ताव रखा।
इसके पूर्व प्रदर्शनी का उद्घाटन अपर जिलाधिकारी श्री पीएल शाह जी ने किया, दिल्ली के श्री प्रेम शुक्ला जी द्वारा अपने रक्त से निर्मित प्रदर्शनी को देखकर माननीय अपर जिलाधिकारी ने कहा कि यह प्रदर्शनी आज की नई पीढ़ी को दिखाने की आवश्यकता है, ताकि इन क्रांतिकारियों के जीवन परिचय से अनुप्राणित होकर अपने अन्दर देशभक्ति का जज्बा पैदा कर सकें। प्रथम सत्र में कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी जी ने दीप प्रज्वलित करके किया, जहां शिवडेल स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित लघु नाटिका के मंचन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी सत्र में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने सम्मेलन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि आपकी आवाज केन्द्र सरकार तक पहुंचाकर सेनानी परिवारों के हितों की रक्षा में हम सहयोगी की भूमिका निभाएंगे। शिवडेल स्कूल के संस्थापक स्वामी शरद पुरी जी ने सेनानी परिवारों के इस आयोजन को आयोजित करने में अपनी भूमिका को सौभाग्यशाली बताया तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन परिचय को प्राथमिकता के आधार पर पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कहा।
जगदीश वत्स पार्क जटवाड़ा पुल से आरंभ हुई स्वतंत्रता सेनानी सम्मान शोभायात्रा की शुरुआत स्थानीय विधायक आदेश चौहान ने ध्वजारोहण के साथ किया, सर्राफा बाजार, कटहरा बाजार, रेल पुलिस चौकी, रेलवे स्टेशन ज्वालापुर, सेक्टर 2 बैरियर से कार्यक्रम स्थल तक निकाली गई, जहां स्थान स्थान पर पुष्प वर्षा की गई तथा आचार्य करुणेश मिश्रा जी तथा जगदीश लाल पाहवा द्वारा स्वल्पाहार एवं जल की व्यवस्था की गई। मंच पर सभी अतिथियों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का स्वागत असम स्वतंत्रता सेनानी संगठन के महासचिव द्विजेन्द्र मोहन शर्मा के सहयोगियों तथा हरिद्वार के प्रसिद्ध समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, मुरादाबाद के धवल दीक्षित, शिवडेल स्कूल द्वारा किया गया।
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार राष्ट्रीय सम्मेलन की आशातीत सफलताओं में हरिद्वार प्रशासन, शिवडेल स्कूल के प्राचार्य पुनीत कुमार श्रीवास्तव, सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य, आर्य समाज मंदिर के व्यवस्थापक, गजमुक्तेश्वर धाम के प्रबंधक, त्रिपुरा योग आश्रम के प्रबंधक तथा सेनानी परिवारों के प्रतिनिधि अरुण प्रताप सिंह, कृष्णेन्द्र प्रताप सिंह, राजेश कुमार सिंह, महन्थ प्रजापति, अरविंद कौशिक, ललित कुमार चौहान, आदित्य गहलोत, अनुराग सिंह, वीरेंद्र गहलोत, विनीत मिश्रा, कमल चंद्र लहकर, शिवेंद्र गहलोत, मंजूलता, अंजना तथा स्थानीय सहयोगियों का अकथनीय योगदान मिला। कार्यक्रम की समाप्ति पर संगठन के अध्यक्ष देशबन्धु ने कार्यक्रम में पधारे अतिथियों तथा सेनानी परिवारों के सम्मिलित होने पर सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का सफल संचालन दैशिक शास्त्र के विद्वान सुरेश चंद्र सुयाल द्वारा किया गया।