**परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और उत्तरप्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी की आत्मिक भेंटवार्ता*
*✨आगामी महाकुम्भ प्रयागराज, महिला सशक्तिकरण, और उत्तरप्रदेश के विकास जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श*
10 सितम्बर, ऋषिकेश/लखनऊ। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और उत्तरप्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी की आत्मिक भेंटवार्ता हुई।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आगामी महाकुम्भ प्रयागराज की तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुम्भ एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस महाकुम्भ आयोजन के दौरान उत्तरप्रदेेश सरकार और माननीय कर्मयोगी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया जाता है। महाकुम्भ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ेगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि नारियों का सशक्तिकरण समाज की प्रगति के लिये अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने परमार्थ निकेतन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों की भी चर्चा की। महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर प्रदान कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारत में विभिन्न योजनायें महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समर्पित हैं।
उत्तरप्रदेश के विकास पर चर्चा करते हुए, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि राज्य का विकास केवल भौतिक संसाधनों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें सामाजिक और सांस्कृतिक विकास भी शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन इस दिशा में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर अद्भुत कार्य किया जा रहा है। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने भी इस दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य के समग्र विकास के लिए प्रयासरत है।
इस अवसर पर स्वामी जी ने कीवा कुम्भ के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। योग कुम्भ का उद्देश्य योग और ध्यान के माध्यम से आत्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। स्वामी जी ने यह भी कहा कि पर्यावरण संरक्षण और योग के माध्यम से हम न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण प्रदान कर सकते हैं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कुम्भ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहाँ से हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि कीवा कुम्भ और योग कुम्भ जैसी पहलें समाज में जागरूकता फैलाने और वैश्विक स्तर की विभूतियों को एकजुट करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं।
स्वामी जी ने पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक पौधा माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी को भेंट किया।