***गांधीनगर यूनिवर्सिटी में लाजपत राय मेहरा जी का 92वां जन्मदिवस समारोह 23 अगस्त को धूमधाम से मनाया गया
हरिद्वार। न्यूरोथेरेपी के जनक लाजपत राय मेहरा जी का 92वां जन्मदिवस देशभर में धूमधाम से मनाया गया। इस कड़ी में गांधीनगर यूनिवर्सिटी में 23 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि लाजपत राय मेहरा जी ने न्यूरोथेरेपी की खोज कर चिकित्सा क्षेत्र में एक नई दिशा दी है, जिसके माध्यम से बिना दवा और बिना दर्द के रोगों का उपचार संभव है।
इस विशेष अवसर पर देशभर के 28 राज्यों से स्टडी सेंटर इंचार्ज और कोऑर्डिनेटर 100 न्यूरोथेरपिस्ट लाजपत राय मेहरा के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उपस्थित रहें। इस कार्यक्रम का आयोजन लाजपत राय मेहरा न्यूरोथेरेपी रिसर्च ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और गांधीनगर यूनिवर्सिटी के संयुक्त प्रयास से किया गया है, जहां गुरु जी द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में **Ms. Vinita Rohera**, उपाध्यक्ष, गांधीनगर यूनिवर्सिटी और **Prof. Kamalesh V.N.**, कुलपति, गांधीनगर यूनिवर्सिटी, उपस्थित रहें।
संगठन के प्रधान रामगोपाल परिहार ने बताया कि न्यूरोथेरेपी एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जो आधुनिक और वैदिक विज्ञान का अद्वितीय संगम है। इसके वैज्ञानिक और प्रभावी उपचार विधियों के कारण यह तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
संगठन के वाइस प्रेसिडेंट (स्टूडेंट अफेयर्स) डॉ. अजय गांधी ने जानकारी दी कि इस विधा की बढ़ती मांग को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत की है, जिससे छात्र इस विधा को प्रोफेशनल तरीके से सीख सकें।
संगठन के महामंत्री पुष्पक श्रीवास्तव ने बताया कि 24 अगस्त को देशभर से आए प्रतिनिधियों के लिए एक शैक्षिक कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसमें न्यूरोथेरेपी में प्रोफेशनल तरीके से रिसर्च कैसे की जाए, इस पर चर्चा होगी। इस पूरे कार्यक्रम का संयोजन नेशनल स्टेट कोऑर्डिनेटर रमेश कुमार शर्मा और असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर अवधेश सिंह ठाकुर द्वारा किया गया ।
इसके साथ ही, यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किए गए एक वर्षीय न्यूरोथेरेपी सर्टिफिकेट कोर्स की परीक्षाएं भी 24 अगस्त से प्रारंभ होंगी। इस कार्यक्रम में ऑल इंडिया न्यूरोथेरेपी संगठन के प्रधान अजय कुशवाहा उसके साथ कैशियर वीरेंद्र प्रसाद चौरसिया एल एम एन टी आर टी आई रिसर्च टीम के इंचार्ज प्रशांत जी मौजूद रहे
इस आयोजन से न्यूरोथेरेपी के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।