*घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों के लिए ट्रॉली से शुरू हुआ रेस्क्यू

*सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस के जवान निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका*

श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एव पुलिस अधीक्षक विशाखा मौके से लगातार सभी कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। जिला प्रशासन सहित, सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एव पुलिस

के जवान पूरे रेस्क्यू में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

 

6 ग्रेनेडियर यूनिट सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाने के लिए सेना एव अन्य सुरक्षा बल तत्परता से कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित कर दी है। रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के अलावा कई बुजुर्ग एव घायलों को इससे रेस्क्यू किया गया। इसके अलावा सेना के कुछ जवान भीमबली के समीप वाश आउट हुए रास्तों का मुआयना भी कर चुके हैं। इन रास्तों को पुनर्स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है। वहीं डॉग टीम स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान भी शुरू कर चुकी है।जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को वाश आउट क्षेत्रों में सुरक्षा दीवार एव पुश्तों का निर्माण जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए। खाद्य विभाग को सभी स्थानों पर फूड पैकेट्स, पानी एव भोजन व्यवस्था निरंतर करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा कमांडेंट एनडीआरएफ सुदेश कुमार, एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा पूरे रेस्क्यू पर नजर बनाए हुए हैं।