विनायक दामोदर सावरकर को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच अकसर तूतू-मैंमैं होती रहती है। पीएम मोदी ने वीडी सारवरकर की जन्म जयंती के ही मौके पर नए संसद भवन का उद्घाटन किया और उनको श्रद्धांजलि दी। वहीं विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ था। 23 साल की उम्र में वह अपनी पत्नी और बच्चे को नासिक में छोड़कर इंग्लैंड पढ़ाई करने चले गए थे। उस वक्त भी सावरकर एक अंडरग्राउंड संगठन चलाते थे और उसमें युवाओं को भर्ती कर रहे थे। तभी से अंग्रेज अफसरों को उनके मिजाज के बारे में पता चल गया था।

सावरकर ने लंदन में ग्रेज इन में दाखिला लिया था। यहां उन्होंने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को लेक एक किताब भी लिखी थी। लंदन में ही उन्होंने ब्रिटिश सरकार से लोहा लेने का पूरा मन बना लिया था। उनके साथी मदनलाल ढींगरा ने सर कर्जन वायलकी की हत्या कर दी थी जिन्हें कट्टर साम्राज्यवादी माना जाता था। बंबई के गवर्नर ने सावरकर को भारत के सबसे खतरनाक लोगों में से एक बताया था।

ब्रिटिश अधिकारियों का आरोप था कि सावरकर अधिकारियों की हत्या कराने का प्लान कर रहे हैं और ब्रिटिश सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते  हैं। इसके बाद 1909 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें अंडमान द्वीप की सेल्युलर जेल में भेज दिया गया। उन्हें 25-25 साल की दो सजाएं सुनाई गईं। मतलब उन्हें 50 साल जेल में काटने थे। सेल्युलर जेल को सबसे सख्त जेल में गिना जाता था जहां कैदियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार होता था। उनकी ही एक पुस्तक में कहा गया था कि जेल से निकलने के बाद उन्होंने मुसलमानों का विरोध किया।