हरिद्वार। आजस चिव/आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड, डा० आर० राजेश कुमार के निर्देशानुसार, उपायुक्त, गढवाल, श्री आर०एस० रावत, अभिहित अधिकारी (मुख्यालय) श्री मनीष सयाना एवं जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, हरिद्वार, महिमानन्द जोशी के संयुक्त नेतृत्व में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, तहसील हरिद्वार, दिलीप जैन, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, रूडकी, योगेन्द्र पाण्डेय एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार, कपिल देव के साथ सिडकुल रोड, बहादराबाद एवं सेक्टर 01, सिडकुल पीठ बाजार पर स्थित तरबूज विक्रेताओं, सब्जी विक्रेताओं एवं फल विक्रेताओं का निरीक्षण किया गया। मौके पर तरबूज, आम, केला एवं सब्जियों की भौतिक / प्रारम्भिक जांच की गयी तथा फलों को पकाने की विधि की भी जानकारी ली गयी। मौके पर ही टीम द्वारा तरबूज को काटकर कॉटन एवं नैपकिन पेपर के माध्यम से इरिथ्रोसाइन बी मानक रैड डाई/कलर की भी जांच की गयी, किसी भी तरबूज में इस डाई की पुष्टि नही हुई फिर भी संदेह के आधार पर प्रयोगशाला जांच हेतु तरबूज के कुल 04 नमूनें, लिये गये जिन्हें विश्लेषण हेतु लैब भेजा गया है तथा एक-दो दिन में जांच रिपोर्ट आने पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। इसके अलावा टीम द्वारा फलों को पकाने में प्रयुक्त कैल्सियम कार्बाइड की भी जांच की गयी, परन्तु कहीं पर भी कार्बाइड से फलों को पकाते हुए नही पाया गया तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अन्तर्गत स्वीकृत एथिलीन से फलों को पकाया जाना पाया गया। मौके पर ही टीम द्वारा सब्जियों यथा भिण्डी, बेगन, टमाटर आदि की भी प्रारम्भिक जांच की गयी कि उन पर किसी तरह का कोई कृत्रिम कलर, वैक्स आदि तो नही लगाया गया है और किसी हानिकारक कैमिकल से चमकाने के लिये धोया तो नही गया है। एक फल विक्रेता द्वारा एथिलीन राईपनर पाउच से आम पकाना, मौके पर पाया गया। उक्त पाउच को भी संदेह के आधार पर कि इसमें एथिलीन राइपनर की जगह कहीं केल्सियम कार्बाइड तो नही, जांच के लिए लैब भेजा गया। मौके पर सब्जियों के कुल 02 नमूनें तथा तरबूज एवं फलों के कुल 10 नमूने प्रयोगशाला जांच हेतु भेजे गये जिनकी विश्लेषण रिपोर्ट एक-दो दिन में प्राप्त हो जायेगी। सभी सब्जी एवं फल विक्रेताओं को इन्वाईस/बिल पर ही फलों एवं सब्जियों को खरीदने एवं साफ सुथरे स्थानों पर फड लगाने के निर्देश दिये गये।
(उक्त अभियान में फलों एवं सब्जियों के कुल 12 नमूनें जांच हेतु प्रयोगशाला भेजे गये)