हरिद्वार। गुरु की महिमा ही भक्तों का भवसागर में बेड़ा पार करती है श्री महंत रामवीर दास महाराज हरिद्वार श्यामपुर स्थित गाजी वाला में नौमी डेरा धाम में परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 दयाचंद जी महाराज की 22वीं पवन पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए आश्रम के श्री महंत परम विभूषित पीठाधीश्वर श्री महंत रामबीर दास महाराज ने कहा इस धरती पर गुरु ही भक्तों के कल्याण का माध्यम है भक्तों को सत्यकर्म धर्म कर्म यज्ञ अनुष्ठान भंडारे आदि के माध्यम से गुरु ही ईश्वर से जोड़ते हैं गुरु ही भक्तों को उंगली पड़कर भवसागर का पार करते हैं इस सृष्टि में गुरु से बढ़कर हमारा कोई बड़ा हितेषी नहीं गुरु मिलते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान सतगुरु उंगली पड़कर भक्तों को भवसागर पार कर देते हैं गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार है जिस जिस भक्त ने गुरु को सच्चे मन से ध्याया है वह परम पद पाया है गुरु ज्ञान का विशाल सूर्य होते हैं उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्तों का जीवन धन्य और कृतार्थ हो जाता है भक्तों को कल्याण का मार्ग मिल जाता है राम नाम की नैया लेकर सतगुरु करें पुकार आओ मेरी नैया में कर दूं भंवर पार मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे मेरे सतगुरु आएंगे तो हे भक्तजनों इसी लिए भगवान से पहले गुरु की पूजा होती है गुरु ही भवसागर की नाव के नाभिक है गुरु की महिमा जिसने जानी वह जन्म मरण के बंधन से मुक्त होकर भगवान श्री हरि के चरणों में श्री गुरुदेव की कृपा से विलीन हो गया इस अवसर पर महंत सत्यव्रतानंद महाराज महंत साक्षी गिरी महाराज महंत मिथिलेश पुरी महाराज महंत महानंद महाराज हीरा दास महाराज श्याम गिरी महाराज सरवन दास महाराज रामदास महाराज शुक्राचार्य महाराज गगन देव गिरी महाराज वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी महाराज रविंद्र शर्मा प्रवीण संदीप प्रदीप कल्लू सिंह राकेश सिंह सोनू बबलू सिंह उदयवीर सिंह संदीप परमार गुड्डू तिवारी राकेश सिंह सोनू रविंद्र शर्मा सहित भारी संख्या में संत भक्तगण उपस्थित थे सभी ने यज्ञ अनुष्ठान तथा परम पूज्य गुरुदेव की पावन स्मृति में आयोजित विशाल भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण कर अपने जीवन को धन्य किया