*10 दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण हुआ संपन्न*

भारतीय स्टेट बैंक आरसेटी द्वारा ग्राम पंचायत टाट में आयोजित 10 दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हो गया। प्रशिक्षण बीते 03 नवंबर से शुरू किया गया था। प्रशिक्षण अवधि में कुल स्थानीय 25 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। महिलाओं ने प्रशिक्षण को उत्साह और रूचि के साथ मशरूम उत्पादन की तकनीक को बारीकी से सीखा।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन की सम्पूर्ण प्रक्रिया जैसे बीज की तैयारी, माध्यम (सब्सट्रेट) तैयार करना, तापमान एवं आर्द्रता नियंत्रण, रख-रखाव, पैकिंग, भंडारण तथा विपणन से जुड़ी सभी तकनीकी जानकारियाँ दी जा रही हैं। इस कार्यक्रम में उद्यमिता विकास कार्यक्रम से संबंधित विषयों की जानकारी संस्थान के प्रशिक्षक वीरेंद्र बर्त्वाल द्वारा दी गयी। साथ ही मशरूम उत्पादन से संबंधित तकनीकी प्रशिक्षण प्रशिक्षिका मेघा रावत द्वारा प्रदान किया गया। संस्थान द्वारा प्रतिभागियों को व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक दोनों पहलुओं से मशरूम उत्पादन की सम्पूर्ण प्रक्रिया से परिचित करवाया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र जाखधार का भ्रमण किया गया जहां पर डाॅ. अंशुल द्वारा मशरूम युनिट भ्रमण के दौरान भारत में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के खाद्य एवं औषधीय मशरूम के बारे कई महत्वपूर्ण जानकारियां महिलाओं को दी वहीं डाॅ निवेदिता द्वारा मशरूम के मूल्य संवर्धन के बारे जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण का मूल्यांकन राष्ट्रीय श्रेष्ठ केंद्र बेंगलुरु की मुल्यांकन टीम द्वारा किया गया जिसमें सभी प्रतिभागी सफल रहें।

प्रशिक्षण के दौरान जिला अग्रणी बैंक अधिकारी अनूप सिंह द्वारा महिलाओं को बैंकिंग वित्तीय प्रबंधन की जानकारी दी गयी। समापन अवसर आरसेटी रुद्रप्रयाग के निदेशक अरुण कुमार ने बताया कि यह प्रशिक्षण ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने में सहायक सिद्ध होगा। वहीं उन्होंने कहा कि कोई भी महिला यदि बड़े स्तर पर मशरूम यूनिट स्थापित करती है तो संस्थान विभिन्न योजनाओं के तहत उन्हें ऋण उपलब्ध कराने में उनकी हर संभव मदद करेंगा। समापन अवसर खण्ड विकास अधिकारी डाॅ. विजय सिंह नेगी ने प्रतिभागियों से कहा कि प्रशिक्षण के उपरांत वे स्वयं का मशरूम उत्पादन यूनिट स्थापित कर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करें। उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन एक लाभप्रद एवं टिकाऊ व्यवसाय है, जो कम पूंजी में अधिक आमदनी का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय पर समूह के माध्यम से स्वरोजगार का कार्य करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की अनुदान वाली योजना है। जिसका फायदा उठाकर वह खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है।

इस अवसर पर ग्राम प्रधान हयात सिंह कण्डारी, गांव के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व प्रधानाचार्य शिशपाल सिंह रावत, आइ0पी0आर0पी0, दिनेश्वरी देवी सहित प्रशिक्षण ले रही मीना, रेखा देवी विजेश्वरी अंजली, कुसुम देवी, कविता देवी, सुशीला देवी, दीप्ति देवी, पूजा देवी, सुनीता देवी, काजल, पल्लवी, रविना, सलोचना देवी, प्रियंका देवी सुनीता देवी, मीना देवी, दिव्या, अमीषा, उमा देवी, पार्वती देवी आरती देवी, प्रीति देवी, उपस्थित रहे।

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