हरिद्वार ।जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हरिद्वार जनपद के अतर्गत मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने बैठक में विद्युत विभाग और वन विभाग के समन्वय के साथ ही इस समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए जिससे कि विद्युत से  हाथियों को कैसे बचाया जा सके।
बैठक में डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने पीपीटी के माध्यम से अवगत कराया कि जनपद में जहां भी हाथियों का कॉरिडोर है उन्हें करेंट से किस तरह बचाए और विद्युत विभाग द्वारा कई स्थानों पर खुले में ट्रांसफार्मर और विद्युत लाइन मानकों के विपरीत काफी नीचे है जिस कारण हाथियों की मृत्यु हो रही है साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रात को हाथियों का मूवमेंट ज्यादा होता है।
जिलाधिकारी ने यूपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरे क्षेत्र में जितने भी हाथी कॉरिडोर है एक टीम बनाकर उनका सर्व करे और जितने भी ट्रांसफार्मर खुले है उनकी फेसिंग कि जाए तथा जिनकी ऊंचाई कम हो उन ट्रांसफार्मर कि ऊंचाई बढ़ाई जाए साथ ही जिस क्षेत्र में भी विद्युत लाईनों की ऊंचाई कम हो उन्हें भी मानक के अनुसार ऊपर किया जाए।
उन्होंने डीएफओ को निर्देश दिए कि 29 सितंबर को एक किसान द्वारा अपने खेत पर फसल बचाने के लिए करेंट छोड़ दिया था जिससे के हाथी कि मौके पर ही मृत्यु हो गई थीं उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए तथा बहादराबाद में नदी किनारे विद्युत लाइन के काफी नीचे होने के कारण करेंट लगने से एक ओर हाथी की मृत्यु होने पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाए।
उन्होंने जगजीतपुर में देर रात हाथियों का मूवमेंट होने पर लोकल लोगों द्वारा उन्हें परेशान करने तथा तेज आवाज करने वाले को अवेयर करे और न मानने वाले पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करे।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर के सिंह,एसडीओ पूनम कैथोला,रेंज ऑफिसर एस एस नेगी, ईई यूपीसीएल दीपक सैनी सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

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