जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 एवं नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 योजनान्तर्गत सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक संपन्न हुई| जिसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी, द्वारा समिति को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार-निवारण) अधिनियम 1989 एवं नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 योजनान्तर्गत 36 पीडितों के सापेक्ष धनराशि रू0 28.75 लाख का व्यय किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28 प्रकरणों में 36 पीडितो को भुगतान हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा संस्तुति की गयी है। जिसमें 07 पीडित अन्य राज्य से होने के कारण प्रकरण को अन्य राज्य में प्रेषित कर दिया गया है। वर्तमान में निदेशालय समाज कल्याण उत्तराखण्ड, हल्द्वानी-नैनीताल से 43 पीडितों के सापेक्ष धनराशि रू0 25.375 लाख की मांग की गयी है। जिसके सापेक्ष धनराशि निदेशालय से अप्राप्त है। जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देशित किया गया कि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) योजनान्तर्गत उनकी ओर से शासन को मांग हेतु पत्र प्रेषित किया जाए।

 

जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि योजना के अन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पर पीडित को लाभ दे दिया जाता है किन्तु प्रकरण पर न्यायालय में विवेचना के पश्चात अनुसूचित जाति अत्याचार उत्पीडन एक्ट का लोप होने की दशा में भुगतान की गई धनराशि को रिकवरी किये जाने के सम्बन्ध में शासनादेश में कोई प्राविधान नही है। अतः भुगतान की गई धनराशि की वापसी के सम्बन्ध में शासन से दिशा-निर्देश मांगे जाने हेतु पत्र प्रेषित किया जाये।

 

जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि तत्काल एफ०आई०आर० की सूचना समाज कल्याण विभाग को प्रेषित की और समाज कल्याण विभाग द्वारा उसका तत्काल संज्ञान लेते हुए पीड़ित को सहायता उपलब्ध किये जाने की कार्यवाही अमल में लाई जाए। पुलिस विभाग को यह भी निर्देश दिये गये कि संयुक्त जांच रिपोर्ट 60 दिन के अन्तर्गत समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय को प्राप्त हो जानी चाहिए।

 

जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा पुलिस विभाग से पृच्छा की गई कि धारा 376 के अन्तर्गत विभाग को संयुक्त जांच आख्या में पीड़ित की पुष्टिकारक चिकित्सा रिपोर्ट पर संशय बना रहता है। जिसके सम्बन्ध में एस०पी० काइम द्वारा धारा 376 के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले प्रकरणों में शासनादेश के अनुसार अंकित “चिकित्सा परीक्षा और पुष्टिकारक चिकित्सा रिपोर्ट पर स्पष्ट दिशा-निर्देश हेतु संयुक्त निदेशक निदेशालय अभियोजन, उत्तराखण्ड देहरादून को पत्र प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गए।

 

जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अत्याचार उत्पीडन के अन्तर्गत समिति द्वारा सहायता राशि स्वीकृत होने पर पीड़ितों की बैंक खाता एवं आधार का विवरण प्राप्त किये जाने में काफी समय लग जाता है। जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा पुलिस अधीक्षक (अपराध) से अनुरोध किया गया कि पीडित को तुरन्त भुगतान हेतु पुलिस विभाग से अनुरोध किया गया प्रथम सूचना रिपोर्ट के साथ आवश्यक परिपत्र यथा आधार कार्ड, खाता तथा जाति प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराये जाऐ। उक्त के सम्बन्ध में एस०पी० काइम द्वारा सहमति व्यक्त की गयी।

बैठक में श्री पंकज गैरोला, एस०पी० काइम, हरिद्वार, श्री टी०आर० मलेठा, जिला समाज कल्याण अधिकारी, हरिद्वार, श्री दीपेश चन्द, अभिप्रेरणा फाउण्डेशन, शिविलिक नगर, हरिद्वार, श्री अनूप कुमार, समाज सेवी, ग्राम पंचायत ब्रहमपुरजट, नारसन एवं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी/कार्मिक उपस्थित रहे।