*विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस*

*परमार्थ निकेतन में आत्म-साक्षात्कार का वेदान्तिक मार्ग कोर्स का शुभारम्भ*

*स्वस्थ पर्यावरण, स्वस्थ और समृद्ध समाज की नींव*

*✨संरक्षण अर्थात पृथ्वी और प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोेग*

ऋषिकेश, 28 जुलाई। परमार्थ निकेतन में आत्म-साक्षात्कार का वेदान्तिक मार्ग कोर्स का शुभारम्भ हुआ। योगाचार्य गायत्री गुप्ता जी और भारत सहित अमेरिका, जॉर्जिया, स्पेन, आस्ट्रेलिया से आये प्रतिभागियों ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया। स्वामी जी ने आज विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रकृति, संस्कृति व संतति के संरक्षण का संदेश दिया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्रकृति हमारे जीवन व हमारी दैनिक जरूरतों के लिये सभी ज़रूरी चीज़ें उपलब्ध कराती है परन्तु हम जिस वेग से उनका दोहन कर रहे हैं अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिये संसाधन नहीं बचेगा, अतः संसाधनों को संरक्षित करने की जरूरत है। पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग, देखभाल और सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिये भी उन संसाधनों को संरक्षित किया जा सके।

स्वामी जी ने कहा कि पृथ्वी के प्राकृतिक वातावरण से विलुप्त होते हुए जीव-जन्तुओं, प्राणियों और पेड़-पौधों की सुरक्षा करना है अत्यंत जरूरी है क्योंकि बिना इनके मानव समाज समृद्ध नहीं हो सकता।

स्वामी जी ने विश्व के कई देशों से आये योग जिज्ञासुओं से कहा कि आत्म-साक्षात्कार वेदांतिक दर्शन का एक महत्वपूर्ण अंग है। इस अवसर पर स्वामी जी ने ज्ञानयोग, भक्तियोग, कर्मयोग का बड़ा ही सुन्दर व सहज वर्णन किया।

आत्म-साक्षात्कार का मार्ग आध्यात्मिक अभिवृद्धि के लिये अत्यंत आवश्यक है और यह आत्मा के अद्वैत स्वरूप की अनुभूति करने का अवसर प्रदान करता है। स्वामी जी ने कहा कि आप सभी माँ गंगा के पावन तट परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में वेदान्तिक कोर्स के लिये आये हैं। यहां पर सहज ही ऐसा दिव्य वातावरण है कि आप ध्यान, जप, तप, श्रवण, मनन, और सत्संग के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार कर सकते हैं।

आज विश्व हेपेटाइसिटस दिवस के अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि ’’मेरा लिवर मेरी जान’। हमारे पास एक ही जिन्दगी है और एक ही लिवर है। लिवर हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यह शरीर में उपस्थित विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने में मदद करता है। अपने लिवर को स्वस्थ व सुरक्षित रखने के लिये दूषित भोजन, दूषित जल, नशा, नशीले पदार्थ से दूर रहें।

हेपेटाइटिस एक वायरल संक्रमण है जो लिवर को प्रभावित करता है। यदि उपचार नहीं किया जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि सिरोसिस और लिवर कैंसर इसलिये अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना बहुत जरूरी है। दुनिया में लिवर कैंसर के रोगियों की संख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। हर 30 सेकेंड में एक मौत हेपेटाइटिस से हो रही है अर्थात वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष 13 लाख लोगों की जान हेपेटाइटिस से चली जाती है इसलिये आज से ही संतुलित और प्राकृतिक जीवन जीने का संकल्प लें।