*✨स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कैबिनेट मंत्री औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन उत्तरप्रदेश सरकार श्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी जी एवं प्रयागराज की पूर्व महापौर श्रीमती अभिलाषा गुप्ता नंदी जी के सुपुत्र के विवाहोत्सव में सहभाग कर दांपत्य जीवन में प्रवेश की शुभकामनायें दी*
*वर अभिषेक और वधू कृष्णिका को आशीर्वाद स्वरूप रूद्राक्ष का पौधा किया भेंट*
*कैबिनेट मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार श्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी जी, कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी, कैबिनेट मंत्री भारत सरकार श्री चिराग पासवान जी से हुई भेंटवार्ता*
ऋषिकेश,। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कैबिनेट मंत्री औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन उत्तरप्रदेश सरकार श्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी जी एवं प्रयागराज की पूर्व महापौर श्रीमती अभिलाषा गुप्ता नंदी जी के सुपुत्र के विवाहोत्सव में सहभाग कर वरवधू को रूद्राक्ष का पौधा भेंटकर शुभकामनाएं दी।
जगद्गुरू शंकराचार्य जी एवं महर्षि कश्यप जी की साधना स्थली, धरती का स्वर्ग के नाम से विख्यात, कश्मीर के श्रीनगर में उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय कैबिनेट मंत्री श्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी जी के पारिवारिक कार्यक्रम में सहभाग कर वर अभिषेक और वधू कृष्णिका को स्वामी जी ने आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, कैबिनेट मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी एवं सांसद, हाजीपुर (बिहार) श्री चिराग पासवान जी ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया। मंत्रीगणों के साथ विभिन्न विषयों व आगामी महाकुम्भ प्रयागराज के विषय में स्वामी जी की विशेष चर्चा हुई।
कैबिनेट मंत्री औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन उत्तरप्रदेश सरकार श्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी जी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रयागराज महाकुंभ 2025 को भव्य व दिव्य बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिये उत्तर प्रदेश का कायाकल्प किया जा रहा है।
श्री नंदी जी ने बताया कि कुम्भ के लिये प्रयागराज को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा रहा है जिसके तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अतंर्गत यहां पर 54,400 शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की स्थापना, और 22 नालों से सीवेज रोकने और उपचारित करने का कार्य किया जा रहा है ताकि वर्ष 2025 का कुम्भ ऐतिहासिक कुम्भ हो सकें।
कैबिनेट मंत्री भारत सरकार श्री चिराग पासवान जी से चर्चा करते हुये स्वामी जी ने कहा कि अब हमें हरित उद्योग-हरित क्रान्ति तथा ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना होगा। हमें भारत के लिये हरित उद्योग-हरित विकास का लक्ष्य निर्धारित करना होगा और वह आप जैसे युवा नेता कर सकते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित हो।
कैबिनेट मंत्री, उत्तरप्रदेश सरकार श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी ने माननीय राज्यपाल के रूप में उत्तराखंड की अपनी स्मृतियों को ताजा करते हुये कहा कि आज भी मेरे मन को परमार्थ निकेतन गंगा आरती की स्मृतियां तरोताजा कर देती है। स्वामी जी के पावन सान्निध्य में गंगा की आरती करने का अपना ही आनन्द है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज रेत और धूल के तूफानों से निपटने हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। प्रकृति का सबसे भयावह स्वरूप रेत और धूल के काले बादलों का तूफान है। जो अपने रास्ते में आने वाली प्रत्येक वस्तु को अपने में समा लेते हैं। यह एक ऐसी घटना हैं जो दिन को रात में बदल देती है और हर जगह तबाही मचा देती है इससे निपटने का एक ही उपाय हैं पौधों का रोपण, संरक्षण व संवर्द्धन।
रेत और धूल के तूफ़ान जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण को बढ़ाते हैं। वैश्विक धूल उत्सर्जन का कम से कम 25 प्रतिशत मानवीय गतिविधियों से उत्पन्न होता है। जिस तरह रेत और धूल के तूफान मानवीय गतिविधियों के कारण होते हैं, उसी तरह इन तूफानों को मानवीय क्रियाओं के माध्यम से कम भी किया जा सकता है। इन तूफानों से लोगों का स्वास्थ्य, कल्याण और आजीविका के कमी के साथ ही रेगिस्तानीकरण और भूमि क्षरण में वृद्धि, वनों की कटाई, जैव विविधता और भूमि उत्पादकता का नुकसान, खाद्य सुरक्षा को खतरा और सतत आर्थिक विकास पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है।
प्रतिवर्ष दो अरब टन से अधिक धूल वायुमंडल में प्रवेश करती है जो गहरे प्रभाव वाली एक वैश्विक घटना का निर्माण करती है। विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक शोध में पता चला है कि जिन लोगों के घर के बाहर पेड़ होते हैं उनमें मानसिक अवसाद की शिकायत कम देखने को मिलती है। कनाडा के जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स के मुताबिक घर के आस-पास यदि 10 पेड़ हों तो आयु में 7 साल तक की वृद्धि हो सकती हैं। एक पेड़ एक वर्ष में करीब 20 किलो धूल और 20 टन कार्बन डायऑक्साइड सोखता है। पेड़ हर साल 700 किलोग्राम ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है। रेत और धूल भरी आँधियों के दूरगामी परिणामों से बचने के लिये हमें अधिक से अधिक मात्रा में पौधा रोपण करना होगा। धूल और रेत ले जाने वाली पवन की गति एवं प्रभाव को कम करने के लिये ग्रीन बेल्ट का निर्माण करना बहुत जरूरी है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को इस ऐतिहासिक मौके पर अपने बीच पाकर गुप्ता परिवार के सदस्य अत्यंत गद्गद् हुये।