*विश्व विख्यात गंगा आरती में किया सहभाग*
*स्वामी जी से भेंट कर लिया आशीर्वाद*
*रेलवे ट्रेक के दोनों ओर पौधा रोपण; संरक्षण और ऋषिकेश से हरिद्वार के बीच मेट्र ट्रेन चलाने के सुझावों के साथ पर्यटन के साथ तीर्थाटन को बढ़ावा देने पर हुई चर्चा*
*हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का दिव्य पौधा किया भेंट*
ऋषिकेश। भारतीय रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती जया वर्मा सिन्हा जी (जो कि भारतीय रेलवे के शीर्ष पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं। उन्होंने बांग्लादेश के ढाका में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी कार्य किया, उनके इस कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका तक प्रसिद्ध मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था।) उनका सेवा काल अद्भुत है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्रीमती जया वर्मा सिन्हा जी के साथ हुई चर्चा के दौरान कहा कि उत्तराखंड में बिछायी जा रही रेलवे लाइनों के दोनों ओर खाली पड़ी जमीन और आसपास के गांवों में पौधा रोपण एक अद्भुत विकल्प और वर्तमान की जरूरत भी है, इसके लिये परमार्थ निकेतन की ओर से पूरा-पूरा सहयोग दिया जायेगा। स्वामी जी ने कहा कि जिन गांवों से रेलवे ट्रेक जा रहा है उन गांवों में पौधे लगे और लगे रहें इसके लिये ग्रामवासियों को जोड़ने हेतु भी परमार्थ निकेतन सहयोग प्रदान करेगा ताकि जब यात्री इस रूट पर आये तो दोनों ओर हरा-भरा वातावरण दिखायी पड़े और उन्हें आनंद भी आये।
स्वामी जी ने कहा कि उत्तराखंड दिव्य धामों व चारों धामों की भूमि है। ये चारों धाम भारत की आत्मा है और इन दिव्य तीर्थक्षेत्रों सहित सभी तीर्थ स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी अद्भुत सुविधायें प्रदान कर रहे हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी और भारत के केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी की अद्भुत दृष्टि हैं, जिससे यहां का व्यापार, रोजगार और व्यवहार सब के वृद्धि होगी। यहां की सुविधाओं में वृद्धि होगी तो यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी।
स्वामी जी ने कहा कि भारत सरकार पर्यटन स्थलों और तीर्थ स्थलों में अद्भुत विकास कर रही है अब यात्रियों का भी कर्तव्य है कि वे इन दिव्य स्थलों पर पर्यटन की दृष्टि नहीं बल्कि तीर्थाटन की दृष्टि से आयें; इन स्थलों पर मौज-मस्ती के लिये नहीं बल्कि भीतर के आनंद और प्रसन्नता को पाने के लिये आयें।
स्वामी जी ने कहा कि ऋषिकेश व हरिद्वार दोनों ही विश्व विख्यात तीर्थस्थल है इसलिये ऋषिकेश से हरिद्वार के बीच मेट्रो ट्रेन हर थोड़ी-थोड़ी देर में चलायी जाये तो यात्रियों को भी सुविधायें प्राप्त होगी और प्रदूषण को भी कम किया जा सकता है क्योंकि उत्तराखंड आध्यात्मिक ऊर्जा का पावर बैंक, अध्यात्म और आनन्द की भूमि, शान्ति और शक्ति की भूमि, यह स्विट्जर लैण्ड भी है और स्पिरिचुअल लैण्ड भी है। साथ ही यहां पर माँ गंगा है और हिमालय भी है इसलिये इस पूरे क्षेत्र को स्वच्छ व सुन्दर बनाये रखना अत्यंत आवश्यक है।
श्रीमती जया वर्मा सिन्हा जी ने कहा कि आज स्वामी जी के साथ भेंटवार्ता अत्यंत ही सार्थक रही। उनके पास इस पूरे राज्य को प्रदूषण मुक्त करने की कई योजनायेें हैं। जिन पर विशेष रूप से चर्चा हुई कि कैसे इस राज्य की प्राकृतिक संपदा को बिना नुकसान पहुंचायें विकास किया जा सकता है। रेलवे ट्रेक के आसपास पौधा रोपण, संरक्षण और इस हेतु जन भागिदारी में परमार्थ की पहले से ही अद्भुत भूमिका रही है आगे भी इस पर विशेष रूप से ध्यान दिया जायेगा।
इस अवसर पर बी.डी, श्री शोभन चौधरी जीएम, उत्तर रेलवे, श्री आलोक मिश्रा ईडी, श्री यू सी जोशी पीसीओएम, उत्तर रेलवे, श्री वी पी सिंह पीसीई, श्री प्रदीप गौड़ सीएमडी/आरवीएनएल, श्री राजकुमार सिंह डीआरएम, मुरादाबाद ने स्वामी जी के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा जी की आरती में सहभाग किया।